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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

जो हो गया

जो हो गया हम उसे भूलते नहीं
पर याद भी नहीं करते,
अतीत को सोच वक़्त अपना
बर्बाद नहीं करते।

जानते हैं गलतियों पे गलतियाॅं करना
फितरत है उसकी,
इसलिए हम उसे माफ़ करके भी
माफ़ नहीं करते।

चेहरे से जताते है कि कोई गिला शिकवा
नहीं अब हमें उससे,
पर दिल से कभी उसके कड़वे बर्ताव को
बर्खास्त नहीं करते।

••••रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

विक्रम विश्वासी said

वाकई दी आप शानदार लिखती हैं पर एक बात दी आपकी लगभग हर रचनाओं में दर्द , गुस्सा, अंतर्मनों की कड़वाहट,....... आदि दिखती है ऐसा क्यों दी ?

रीना कुमारी प्रजापत replied

Welcome Bhai, apko yha dekhkar bahut khushi hui😊😊 or rhi rachnao mein dard, gussa wagairah ki baat to aisa isliye Kyonki mere bhai YHI sach hai....

शिवचरण दास said

बिल्कुल सही. .दिल से माफ करना मुश्किल है. .वाह वाह

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji dil se maaf karna mushkil hai or fir sach mein koi sudhar raha ho to maaf Kiya bhi ja sakata hai dil se par jo baar baar hi galtiya kare use dil se maaf karna mere liye namumkin hai

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। शानदार प्रस्तुति।👌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद आपका 🙏

Lekhram Yadav said

मगर....इतनी कङवाहट और गुस्सा क्यों, क्या हुआ है अब , माना की कोई दर्द छुपा है दिल में ये उसी की अभिव्यक्ति है, हमने यही देख कर एक गजल आज पेश की है, जरा पढ़ने की कृपा करें, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bilkul shi pahchana apne .. shukriya 🙏 namaskaar 🙏😊 pranaam

रीना कुमारी प्रजापत replied

Awashya padhenge

उपदेश कुमार शाक्यावार said

दिल से लिखी गई रचना...बहुत सुन्दर

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shi pahchana apne bilkul Dil se hi likhi gai hai.... bahut bahut shukriya apka 🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुंदर सोच 👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks di

विक्रम विश्वासी said

दी ये कैसी सच्चाई है जिसमें केवल दर्द ,ग़म , तनहाई और कड़वाहट ही है दी इसको बदला भी तो जा सकता है जिसमें प्रेम , सदभाव, मुस्कुराहट, आनंद , जिन्दगी का अर्थ....... हो । जिंदगी को बहुत आसान भी तो बनाया जा सकता है न क्यूं इन ग़म के बोझ तले जिया जाए
वैसे दी आपने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया ?

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bilkul badala ja skta hai agar samne wala bhi chahe to hum koshish karte hai ki sab thik rhe par.... Kahte hai na ki ek hath se taali nhi bajti

विक्रम विश्वासी said

दी आपसे कुछ बात करनी थी बुक पब्लिश्ड करवाने के बारे में और भी बहुत बातें है बट कैसे दी ? ये जानकर बहुत खुशी हुई आपने अपना खूब सूरत बुक पब्लिश्ड करवाया है पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ बट जब फ्लिपकार्ट पर देखा तो दिल को बहुत सुकून फील हुआ दी ये ख़ुशी और बढ़ जाएगी जब दी आप मेरा हेल्प कर देगे

रीना कुमारी प्रजापत replied

Aap apni gamil id dijiye

विक्रम विश्वासी said

हां दी बात तो सही है ताली तो दोनों हाथ से ही बजाई जा सकती हैं बट दी ख़ूबसूरत रिश्ते में प्रेम , त्याग, समर्पण और सामंजस्य साथ साथ चलते है न दी वो रिश्ते ही क्या जिसमें झुकने पर सवाल हो वो रिश्ते ही क्या जिसमें हर बात पर बवाल हो
रिश्ते स्वर्ग है सामंजस्य इसका घर है |
vikramvishawasi@gmail.com

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bilkul chalte hai lekin wo rishta hi khubsurat na ho to Prem,tyag, smarpan, samnjasya thik nhi hai, ye sab us rishte ke liye hai jo khubsurat ho or kahin na kahin us rishte mein pyar ho

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