“प्रकृति का महत्व”
सुख-दुख ,रात-दिन
सर्दी-गर्मी ,बसन्त-बहार
खोना-पाना ,आना-जाना
जीवन का यह ऐसा चक्र है
जो कभी नहीं रुकता ।
ठहरती है केवल प्रकृति
जो हर पल साथ चलती है
हर दिशा में मिलती है
भीड़ हमें कई बार अकेला कर देती हैं
मगर प्रकृति की ख़ासियत है कि वह हमें कभी अकेला नहीं होने देती।
वन्दना सूद