पसन्द अपनी अपनी और चाहते अपनी।
ख्वाब तलाशते रहे मगर बेज़ान रही कथनी।।
सादा रही जिन्दगी मुझे उसपर गुरूर रहा।
एक ही तमन्ना में रही कसकती रही करनी।।
सेवाभाव ने जब जब जादू बिखेरा 'उपदेश'।
आम से चेहरे को खास बनाती रही जरनी।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




