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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

नूर के धागे - सुप्रिया साहू

नूर के धागे

वो नूर के धागे तोड़ ला घूंघट सजा रहा है मेरा
आगोश में सांसों से सांसों को उलझा रहा है मेरा...।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (11)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ हैं! - सादर प्रणाम आदरणीय

सुप्रिया साहू replied

शुक्रिया सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह...ऐसे ही लिखती रहो बहुत खूब

सुप्रिया साहू replied

शुक्रिया सर 🥰😊, बस आपका आशीर्वाद बना रहे,लिखते जाऊंगी अब, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत उम्दा 👌

सुप्रिया साहू replied

धन्यवाद सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत शुक्रिया मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अमित श्रीवास्तव said

बहुत सुन्दर नूर के धागे

सुप्रिया साहू replied

धन्यवाद अमित सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत said

Very nice 👌

सुप्रिया साहू replied

Thank you didu jaan 🥰😊🙏.

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह वाह क्या बात है। कुर्सी से उछलकर बजाने वाली तालियां तालियां। संयोग श्रृंगार की लहराती हुई कविता।दो ही पंक्ति में लंबी दास्तान। खूबसूरत खूबसूरत खूबसूरत।

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद मनोज सर 🥰😊, मगर आप कुर्सी से मत उछलिये चोट लग जाएगी आपको अपना ख्याल रखिए, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

डाॅ पल्लवी "गुंजन" said

बहुत खूब!!

सुप्रिया साहू replied

शुक्रिया मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Vineet Garg said

बेहतरीन प्रस्तुति 👏👏

सुप्रिया साहू replied

शुक्रिया सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

फ़िज़ा said

Sundar Rachna

सुप्रिया साहू replied

धन्यवाद मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

देवांशी पटेल said

वो नूर के धागे तोड़ ला घूंघट सजा रहा है मेरा - वाह बहुत सुन्दर प्रेम रास से परिपूर्ण

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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