सूरज अब भी, तुम्हारा
इंतजार कर रहा है
आंखें खोलो, और
जागो तो सही
क्या बिगाड लेंगे, रास्तों के
मुट्ठी भर समंदर
पांवों में पतवार बांध कर
भागो तो सही
टूट जायेंगी, दीवारें, और
दीवारों की कसमें
जरा दिल की दीवार को
त्यागो तो सही।
सर्वाधिकार अधीन है