आज ही नही पहले से पाबंदियां नारी पर।
बचपन से लाद दी जिम्मेदारियां क्वारी पर।।
शिक्षा पाने का सौभाग्य संविधान से मिला।
बडी कौशल से प्रतियोगिता की तैयारी कर।।
सफलता हासिल होते ही पंख निकल आए।
आत्मनिर्भर बना दिया ज्ञान की सवारी कर।।
तर्क-वितर्क की कला सम्हाल सकी साजिशे।
चक्रव्यूह तोड दिया 'उपदेश' संदेश जारी कर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद