ठोकरे बहुत हैं राहों में,
चलना मेरी फ़ितरत है,
जो हंस रहे हैं मुझ पर आज,
हंसना उनकी फितरत है ... हंसना उनकी फितरत है,
उनको अगर पता होता क्या है मंजिल मेरी .............तो खुद ही चुप हो जाते हैं,
अपनी कामयाबी से बताना है मुझको..
कि अब ना .. रुकना मेरी फितरत है...
कि अब ना .. रुकना मेरी फितरत है...
सर्वाधिकार अधीन है