यूँ तो अल्लाह-अल्लाह,राम-राम रटते रहते हो
तब याद नहीं आता जब फूलों को मसलते हो
जगाओ ज़मीर, नापाक न कर लहू अपने
हर फूल अपनी हीं क्यारी का क्यूँ नहीं समझते हो
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.
Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।
Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है
यूँ तो अल्लाह-अल्लाह,राम-राम रटते रहते हो
तब याद नहीं आता जब फूलों को मसलते हो
जगाओ ज़मीर, नापाक न कर लहू अपने
हर फूल अपनी हीं क्यारी का क्यूँ नहीं समझते हो