मैं उस से मिला वह मुझ से मिली
काफ़ी लंबी उसकी मेरी इश्क चली
मगर मेरे घर वाले जलने लगे उस से
उसके घर वाले जलने लगे मुझ से
बस इसी के चलते हो गया बेड़ागरक
हुई जिंदगी उसकी मेरी एक नरक
सारी उमर मैं भी रहा कुंवारा वह भी रही कुंवारी
किसी भी दिन हो न सकी मिलन हमारी
किसी भी दिन हो न सकी मिलन हमारी..
----नेत्र प्रसाद गौतम