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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिल अपना दे बैठे

कापीराइट गजल

अनजाने में, हम उन से, ये सौदा एक कर बैठे
दिलके बदले में उनको हम दिल अपना दे बैठे
अनजाने में जब उसने मुझे अपने पास बुलाया
एक नजर में हम उनसे सौदा दिल का कर बैठे
दे के उनको चांद-सितारे जब हम घर आए
प्यार की लौ से हम रौशन घर अपना कर बैठे
शाम ढ़ली तो यादें उनकी कहर ढ़ा गई दिल पर
यादों की इस नैया में, हम रात, सफर कर बैठे
सौंप दिया है, दिल उन को, आगे मर्जी उनकी
साथ निभाए जीवन भर या अपने घर में बैठे
जो होना था हो गया यादव तू अब क्यूं घबराए
ऐसा ना हो आज कहीं तू, दिल छोटा कर बैठे
- लेखराम यादव


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Kya baat hai 👌✍️🙏

Lekhram Yadav replied

आपका, बहुत बहुत शुक्रिया मेरी प्यारी बहना, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

Vadigi.aruna said

बहुत खूब

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अरूणा जी, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

Supriya sahu said

बहुत सुंदर रचना सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुप्रिया जी, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

वाह लाजवाब रचना सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद, आपको सादर नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

प्रेम, समर्पण और पीड़ा की बुनावट को बड़ी सहजता से पिरोया है... हर बंद एक नई अनुभूति, और अंतिम पंक्तियाँ आत्म-संवाद जैसी लगती हैं — बेहद सुंदर रचना यादव सर जी! आपको सदर प्रणाम. 🙏 🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एव॔ स्वागत है सर, आपको सादर नमस्कार।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सौदे में हार जीत तो होती ही है, दिल छोटा करने से क्या फायदा।यादव जी क्या खूब लिखा है आपने।हर बंध में प्रेम का सुंदर अल्हड़पन, त्याग और प्रेम से उपजी वेदना, बहुत खूब।सादर नमस्कार!!

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सर।

सुभाष कुमार यादव said

सौंप दिया है, दिल उन को, आगे मर्जी उनकी साथ निभाए जीवन भर या अपने घर में बैठे...... प्रेम में सर्वस्व न्योछावर को अभिव्यक्त करती सुंदर रचना।👌👌

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सर, आपको सादर नमस्कार।

Shiv Charan Dass said

बहुत अच्छा लेखराम जी. ..दिल के बदले दिल का ही चलन है

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सर।

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