अहिंसा का जयघोष
डॉ0 एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
त्याग और तपस्या की मूरत, अहिंसा के अवतार,
महावीर प्रभु आए जग में, करने भवसागर पार।
खंड-खंड करती हिंसा, लोभ और मद का शोर,
शांति का संदेश लाए, मिटाने जग का क्लेश घोर।
कर्मों की जटिल बेड़ी, आत्मा को करती थी जर्जर,
ज्ञान की मशाल जलाई, दिखाया मुक्ति का सुंदर घर।
अपरिग्रह का व्रत साधा, तृष्णा का किया दमन,
समता का पाठ पढ़ाया, हर प्राणी में देखा निज मन।
झूठ और चोरी तजकर, सत्य का किया आह्वान,
ब्रह्मचर्य का पालन कर, पाया निर्मल कल्याण।
पंचशील का यह दर्शन, जीवन का बने आधार,
महावीर की वाणी गूंजे, युगों-युगों तक बारंबार।
आओ हम सब मिलकर गाएं, अहिंसा का जयघोष,
मिटाकर वैर और द्वेष, करें प्रेम का ही पोष।
महावीर के चरणों में, श्रद्धा सुमन चढ़ाएं आज,
उनके दिखाए पथ पर चलकर, सफल करें अपना काज।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




