एहसास होना दो दिलो को नाजुक घडी में।
फिर दूर जाना पलटकर मिलने की कडी में।।
परिस्थित बदलती रही जज़्बात नही बदले।
गुफ्तगू के मौके खोजते मिलने की कडी में।।
भाव-विभोर हो जाते जब कभी दिल मचले।
कम जरूर मिले हमसफर बनने की कडी में।।
दिलो-दिमाग में एक दूसरे के छाये 'उपदेश'।
ख्वाब बेशुमार अब भी पूरे करने की कडी में।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद