हम भी हैं शहर में
थोड़ी नज़रें करम
इधर भी हो।
थोड़ी सी दुआओं में
अपनी हमें भी याद
रखना, चाहें तुम
जिधर भी रहो।
मिलो ना मिलो
पर इतना याद रखना
थोड़ी सी तो अपनी
इनायत हम पे भी करना।
अपना तो अलग हीं राब्ता
फिरभी हैं हम जुदा जुदा
शायद यही है मर्ज़ी खुदा
कोई ज़रूरी नहीं दैहिक मिलन
नैसर्गिक सौंदर्य तुम्हारा
दिल में मेरे सदा रहेगा।
हम खुश रहें
चाहें जिधर भी रहें
पर एक दूसरे के लिए
दुयाएं करतें रहेगें।
कभी तो रब को तरस
आयेगी हम पर
कभी न कभी तो हम
एक होंगें..
कभी ना कभी तो हम
एक होंगें....

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




