मेरे साथ दूसरा कौन संग संग चल रहा।
बेचैन दिल आज भी तुम पर मचल रहा।।
तुम्हे इधर-उधर टेढे तिरछे होकर देखता।
आजकल फिर से मेरा मौसम बदल रहा।।
अब तो उम्मीद है खुशी बनकर आओगी।
तन्हाई दूर होगी सोचकर मन पायल रहा।।
लेन-देन का व्यवहार संयमित शुरूआत।
देर-अबेर के कारण 'उपदेश' घायल रहा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद