कुछ ही पलों में
ख़त्म हुई जिंदगी
हंसते खिलखिलाते चेहरे
बन गये कहानी
कभी हादसे, कभी बीमारी
की चादर ओढ़ती है
मौत, तू भी आने के
बहाने ढूंढती है
रह गये तो बस
दर्द में डूबे परिवार
कहीं दबी सिसकियां
कहीं घोर चित्कार
खुशियों भरे संसार
इस बेदर्दी से क्यों उजाड़ती है
मौत, तू भी आने के
बहाने ढूंढती है
चित्रा बिष्ट