पतझड़, सावन, बसंत
और बहार के मौसमों में
अरे भई, क्या रक्खा है
इन बेकार के मौसमों में
दिल पर अगर चढ़ जाए
रंग मोहब्बत के , तो
सारे मौसम साथ होते हैं
इन प्यार के मौसमों में
दिन की चमक,रात की चांदनी
और हवाओं का शोर
इजहार, इकरार, इंतजार
और तकरार के मौसमों में
पगलापन, निठल्लापन
और मस्तमौलापन
सारे वायरस चले आते हैं
इन बुखार के मौसमों में
खुद से जरा, बातें करो
शिकवे और शरारतें करो
हर मौसम का मौसम है
आंखें चार के मौसमों में।
सर्वाधिकार अधीन है