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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मौसमों में

पतझड़, सावन, बसंत
और बहार के मौसमों में
अरे भई, क्या रक्खा है
इन बेकार के मौसमों में

दिल पर अगर चढ़ जाए
रंग मोहब्बत के , तो
सारे मौसम साथ होते हैं
इन प्यार के मौसमों में

दिन की चमक,रात की चांदनी
और हवाओं का शोर
इजहार, इकरार, इंतजार
और तकरार के मौसमों में

पगलापन, निठल्लापन
और मस्तमौलापन
सारे वायरस चले आते हैं
इन बुखार के मौसमों में

खुद से जरा, बातें करो
शिकवे और शरारतें करो
हर मौसम का मौसम है
आंखें चार के मौसमों में।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! क्या बात है, मनोज जी! कमाल का लिक्खा है आपने! बहुत ही ख़ूबसूरत और ज़बरदस्त! सारे मौसम आपने एक ही मौसम में दिखा दिए! ग़ज़ब! आप इतने दिनों नहीं थे, सूना-सूना लग रहा था! अब आ गये हैं, महफ़िल जमेगी! 👌👌👏👏❤️🙏

इक़बाल सिंह “राशा“ said

समदिल जी
बहुत खूब सर
क्या ही खूबसूरती से हर मौसम को भावनाओं के रंग में पिरो दिया है आपने-
सचमुच, असली मौसम तो दिल और मोहब्बत के ही होते है
आपको सादर प्रणाम

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

परवेज जी, इकबाल जी, आपने मेरी रचना को हृदय से सराहा, प्यार दिया दिल से शुक्रिया। परवेज जी, मैं स्वास्थ्य कारणों से महफ़िल से दूर रहा,अब तो जरूर महफ़िल जमेगी, मज़ा आएगा।🌹🌹🌹🙏

सुभाष कुमार यादव said

बहुत खूबसूरत रचना समदिल सर। दिल झूम उठा रचना पढ़कर। 👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav said

क्या खूब सूरत रंगों में मौसम को ढाला है, बहुत खूब, बहुत खूबसूरत और लाजवाब रचना, आपको सादर नमस्कार।

शिवचरण दास said

वाह वाह. ..यह तो मनोज का समदिल मौसम हुआ

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय दास जी, आदरणीय लेखराम जी, आदरणीय सुभाष जी, आपकी प्यारी प्रतिक्रिया से दिल गदगद हो गया।आप सभी को सादर प्रणाम 🙏🌹

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Adhbhut rachna...shabdon ka rang biranga jaadu or usase susajjit yeh rachna khilkhila rahi hai
Aadarneey Sonwani sir ji ko saadar pranam 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय अशोक जी, आपकी समीक्षा न मिले तो महफ़िल अधूरा अधूरा सा लगता है। खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए हृदय से धन्यवाद आभार 🙏🌹

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