कोरोना को यूं दिल में बसाया जाए
एक बार इसे अपना बनाया
जाए
सदियों से रहा है इससे नाता
अपना
ये सच भी जमाने को बताया
जाए
कहर ढ़ाया है इसने बहुत जमाने
पर
इसे जहन्नुम का रस्ता दिखाया
जाए
छोङ कर कभी हमको ये नहीं
जाएगा
रुबरू-ए-हकीकत अब कराया जाए
रूप अपना बदल कर ये चला
आएगा
ये आईना सच का अब दिखाया जाए
इसे मिटाने की कोशिश नाकाम
हैं यादव
क्यों ना इसको भी मेहमां बनाया
जाए
लेखराम यादव
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




