"ग़ज़ल"
हम जीते जी डूबे रहे पैमाने में!
मर गए तो दफ़्न कर देना मय-ख़ाने में!!
वो दीवानगी जो है तेरे दीवाने में!
मिलना मुश्किल है आज के ज़माने में!!
मेरे जज़्बात को तुम महसूस करो!
बात हल्की हो जाती है बताने में!!
ये ज़िंदगी ढूॅंढे से मिले न मिले!
मौत मिल जाएगी किसी बहाने में!!
आप का ज़िक्र और आप की बातें!
और क्या रक्खा है मेरे फ़साने में!!
उस की जुस्तुजू में 'परवेज़' भटका मैं!
कभी सहरा तो कभी वीराने में!!
- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad
The Meanings Of The Difficult Words:-
*पैमाने = शराब के प्याले (wine-cup or goblet); *मय-ख़ाने = शराब-ख़ाने (tavern); *जज़्बात = भावनाओं या एहसासात (feelings or emotions); *फ़साने = कहानी या दास्तान (fable or story or tale); *जुस्तुजू = तलाश (quest or searching or seeking); *सहरा = रेगिस्तान या जंगल (desert or forest); *वीराने = निर्जन स्थान (deserted place).