माली मेरे भैया
तुम कितने धन्य हो
मेरे लिए तुम
दुनिया में अनन्य हो
नींद में रहकर भी
तुम मेरा विचार करते हो
तुम, मुझे
इतना प्यार करते हो
दौड़ती है मेरी नसों में
तुम्हारा दिया जल
नाचती थिरकती शाखाएं
आभित पत्र चंचल
भूलकर अपनी थकान
मेरे फूलों को दे मुस्कान
क्यारियों में तुम्हारा पसीना गिरता है
एक एक बूंद से मेरा तन खिलता है
स्रष्टा से बार बार
यही मांगूंगी
अगले जनम में
तुम भागों में रहना
मैं माली बनकर
तुम्हारा सारा ऋण चुकाऊंगी।।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




