तेरे ख्याल से आँखें नम जैसी लगती।
लब कुछ कहना चाहते उबासी भरती।।
कुछ-कुछ मलाल अपने ऊपर आता।
दिल में उठ रहे समाधान बर्बाद करती।।
हाँ कहूँ कि ना कशमकश में प़ड गई।
हिम्मत होती नही फिर क्यों याद करती।।
जबाव मिले-जुले से उथल-पुथल करते।
हकीकत में बेहतर तरकीब इज़ाद करती।।
कभी-कभी सोचती रात में जरूरत पर।
सतरंगे ख्यालों के बीच में जिहाद करती।।
गर्दिशों के दिन खुद मैंने बनाए 'उपदेश'।
बादलों को देखकर एक फ़रियाद करती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




