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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैं हूँ पुरानी शराब सा-ताज मोहम्मद

मैं हूँ पुरानी शराब सा।
लोगो को मेरा नशा सिर पर चढ़ जाता है।।1।।

मैं कहता नही कुछ उसे।
फिर जाने क्यों उसको बुरा लग जाता है।।2।।

खुद में नहीं हूं कुछ भी।
पर मेरे दोस्तों को मेरा साथ भा जाता है।।3।।

मुस्तकबिल है बच्चे का।
पूत का पाँव पालने में ही दिख जाता है।।4।।

मैं हूँ खुदा की नात सा।
मुझे सुनकर बंदा खुदाई में खो जाता है।।5।।

जल्द आएगा तेरा वक्त।
सबको अज्र इसी जहाँ में मिल जाता है।।6।।

मत पियो इतनी शराब।
कितना भी हो जहर असर कर जाता है।।7।।

मैं हूँ अब एक शहर सा।
मुझमें हर किसी का पता मिल जाता है।।8।।

मैं हूँ यूँ सच्चे इश्क़ सा।
मुझसे हर किसी को ही यह हो जाता है।।9।।

बाजार में होता है सब।
सही दाम होने पर हर कुछ बिक जाता है।।10।।

मैं हूँ जानता सब कुछ।
काम होने के बाद हर कोई बदल जाता है।।11।।

मैं हूँ दवा-ए-हकीम सा।
मिलकर मुझसे बीमार शिफा पा जाता है।।12।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

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रीना कुमारी प्रजापत said

काम होने के बाद हर कोई भूल जाता है... यही तो विडंबना है। काम हो तो याद किया जाता है वरना तो भुला ही दिया जाता है। Heart touching rcahna

Lekhram Yadav said

क्या खूबसूरत अन्दाज है आपका ताज भाई, बहुत अच्छा लगा पढ़कर। आप तो मदहोश करने वाली वो शराब हो जिसे कोई पी तो नहीं सकता मगर आपकी शायरी का नशा जरूर हो जाता है। शायरी का नशा पिलाने का शुक्रिया ताज भाई।

रमेश चंद्र said

Bahut khubsurat rachana. Isme likha har labj satya ha.

Bhushan Saahu said

Are waah taj bhai...ye to kmal kr dia aapne or aapki rachna ne. Bahut hi umda.

Shakshi said

Bahut khoob sir

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Wow, bahut shandaar bahut sundar taaj saahab Salaam/Pranam

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