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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैं तो इन गलियों में अपने प्यार को ढूंढने आता हूं...

समझकर इन गलियों में
मुझे आवारा कोई मुझे बदनाम
ना करे.

मैं तो अपने शादिक की दरों दीवार को
चूमने आता हूं।
उसकी आहटों से सनी कदमों की
धूल चूमने आता हूं।
वो शौक़ से चली गई या
जो गर मिल गया होगा हमसे अच्छा कोई
पर मैं वही ख़ाकसार उसकी गलियों में
उसके होने का निशान ढूंढने आता हूं
समझकर कोई आशिक आवारा
या लगता हो जैसे कोई बेचारा
मुझे रुसवा न करे ये ज़माना
मुझे तो बस इतना हीं है बताना कि
मैं तो अपने यार के एक दीदार के वास्ते
नज़र आता हूं..
मैं तो अपने गुले गुलज़ार को ढूंढने आता हूं....
बड़ा ही तकलीफ़ में है ये दिल बेचारा
इसको शुकून दिलाने आता हूं।
वो तो गई तो न फ़िर मिली दुबारा
पर याद कर जो पल संग गुजारे थे उसके
उन लम्हों को फिर से जीने आता हूं ।
शायद कभी दिख जाए भूले भटके
वो चांद मेरा..
की जिसकी चांदनी में मैं फिर से सराबोर
होना चाहता हूं ।
दरस दिल ने लिए उसकी एक दीदार को
बस इसलिए मारा मारा फिरता हूं ।
न समझे ये ज़माना मुझे एक पगला दीवाना
मैं तो इन गलियों में अपने प्यार को
तलाशने आता हूं..
मैं तो अपने प्यार को ढूंढने आता हूं..
मैं तो अपने प्यार को ढूंढने आता हूं..




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

उपदेश कुमार शाक्यावार said

Wah...sundar

कमलकांत घिरी said

बेहद खूबसूरत रचना सर जी 👌 नमस्कार 🙏

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