प्यार कीजिये ...बेशक़ कीजिये,
मगर इक दायरा बहुत ही ज़रूरी है !!
दीजिये दिल में जगह बेशक़ किसी को,
मगर इक क़ायदा बहुत ही ज़रूरी है !!
दर्द उन्हें ही ज्यादा होता है बिछड़ने पर,
जो दायरे लाँघ जाते हैं अक्सर !!
परवाह कीजिये... बेशुमार कीजिए ,
मगर इक मर्यादा बहुत ही ज़रूरी है !!
ये जीवन बिलकुल तराजू के जैसा है,
ना कम ना ज़ियादा..रहो बीचो-बीच !!
सलामत रहना है तो रफ्तार ऐसी रखिये,
खुद को बचाना भी तो बहुत ही ज़रूरी है!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है