हे शिव, मन को शून्य कर दे,
मन के बोझ को हल्का कर दे।
बोझिल है मन दुनिया के ,
दर्दो गम के भार से ।
ये देह, ये मन, ये सारी सृष्टि,
सब है तेरा, हूँ मैं भी तेरा ।
आवाज मेरी भी तो सुन ले ,
मेरे अंतस को तू पिघला दे,
हे शिव, मन को शून्य कर दे ।
मन की माया को हर ले ,
दुनियां के मोह से बचा ले।
आत्मा के दिव्य परकाश को
चमका दे, मन के अँधेरे हर ले ।
मन की माया को दूर कर दे
हे शिव, मन को शून्य कर दे ।
अहंकार को अपने, अर्पण करूँ
चरणों में तेरे, इसे चूर कर दे।
हार गया हूँ जीवन से
अब आत्माज्ञान की राह दिखा दे ।
मन के बोझ को हल्का कर दे ,
हे शिव, मन को शून्य कर दे ।
झूठे जाल रिश्तों के,
छुड़ा मुझे इन मकड़ों से ।
मेरी आत्मा को रोशन कर दे
मुझे मुक्त कर दे।
मन के बोझ को हल्का कर दे ,
हे शिव, मन को शून्य कर दे ।