नौ महीने कष्ट उठाया मॉं ने,
पीड़ा सहकर जन्म दिया मॉं ने।
माँ की ममता का क्या अंदाज़ा,
अपनी नींद गॅंवाकर सुलाया मॉं ने।
न दिन, न रात ,न शाम देखी ,
अपने स्तन्य का दूध पिलाया मॉं ने।
बोलना , चलना और अच्छे संस्कार सिखाकर,
हर पल बलिदान शिशु पर किया मॉं ने ।
कभी डांटा गलती पर , कभी माफ किया,
गलती को सुधारना सिखाया मॉं ने ।
माँ की डाट में है भलाई छिपी,
डांटने के बाद भी मनाया मॉं ने।
माँ के बिना घर है अधूरा,
घर को स्वर्ग बनाया मॉं ने।
ईश्वर ने मॉं को अपना पद दिया,
ईश्वर का महत्व समझाया मॉं ने।
विश्व में कोई नहीं है मॉं से बढ़कर,
विश्व को आगे बढ़ाया मॉं ने।
- वंशिका जेठानी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




