काँटों भरी राह हो चाहे अंधियारा,
चलना ही होगा, यही है सहारा।
हर ठोकर एक सबक सिखाती,
हर गिरकर उठना, जीत दिलाती।
सपनों को आँखों में जब तू बसाता,
संघर्ष की आग में खुद को तपाता।
वक़्त की आँधी चाहे रुख बदल दे,
हौसला तेरा उसे झुकने न दे।
कभी न थकना, न रुकना कहीं,
सफल वही, जो डरा नहीं।
नशा नहीं, ये तो तप का फल है,
जो मिट जाए, वही असल है।
मेहनत की ईंटों से महल बना ले,
हर हार को जीत की राह बना ले।
सपनों का सूरज खुद से जला,
तू खुद ही अपनी सफलता बना
डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर सीकर राजस्थान

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




