मक्खी मच्छर स्वागत गाएं उस दफ़्तर का क्या कहना
दिन भर सारे गाल बजायें उस दफ़्तर का क्या कहना
मर गए कलम जो घिस घिस कर फाइल को अर्पित नैन किये
सब उनको ठेंगा दिखलाएं उस दफ़्तर का क्या कहना
हर और बड़ी मक्खन बाजी और चमचों का जमघट है
बसचमचे ही सब प्रमोशन पाएं उस दफ़्तर का क्या
कहना
ऊपर से ही मुस्काते हैं पर कुर्सी सब खिसकाते हैं
बास नई बस मेमो पकड़ाएँ उस दफ़्तर का क्या कहना
है यौवन की हर छटा यहाँ हर छठा यहां पर तो है यौवन
फाइल में लव लेटर आएं उस दफ़्तर का क्या कहना
बस भ्रष्ट यहाँ फलते फुलते उन पर तो नोट बरसते हैं
जो सीधे सादे उन्हें फसाएँ उस दफ़्तर का क्या कहना
कैसे कैसे डर की खातिर दास यहाँ सब बिक जाते हैं हम
ग्राहक को भगवान बताएं उस दफ़्तर का क्या कहना II

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




