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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कुछ लोग बस शून्य के योग्य होते हैं

कुछ लोग
इतने खोखले होते हैं
कि उन्हें कुछ देना
अपने भीतर से कुछ खो देना होता है।

वे प्रेम को पिघालते नहीं,
उसे घिसते हैं—
जैसे रबर से मिटा रहे हों
किसी और की कविता।

वे भावनाएँ नहीं समझते,
वे शब्दों की लाशों पर चलते हैं,
और जब आप टूटते हैं—
तो वो आपको “नाटक” कहते हैं।

उन्हें कुछ नहीं मिलना चाहिए।
न कोई उत्तर,
न कोई द्वार,
न एक चुप्पी भी।

क्योंकि हर बार जब आप उन्हें
“एक और मौका” देते हैं—
वे उसे
आपके आत्मसम्मान की छीलन बना देते हैं।

कुछ लोग सिर्फ़
शून्य के योग्य होते हैं—
न ध्यान,
न नफ़रत,
न प्रेम,
न बदला।

बस
उपेक्षा।
ठंडी, तटस्थ, स्थिर उपेक्षा।
जैसे वे कभी थे ही नहीं।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Shiv Charan Dass said

बहुत तीक्ष्ण है

Amit Shrivastav said

कुछ लोग इतने खोखले होते हैं कि उन्हें कुछ देना अपने भीतर से कुछ खो देना होता है। अद्भुत

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Atyant shandaar rachna mano jese manobhavon ko aapne shabd dediye hon... Aapko saadar pranam 🙏🙏

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