दुनिया की बेरुखी से दो आँसू क्या बहे ।
प्रभु की छवि साफ नज़र आने लगी ॥
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न छेड़ना हमारे जज़्बातों को
भावनाओं का ऐसा समुन्दर है
कहीं तुम्हें भी साथ बहा कर न ले जाए!!
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जीवन भी क्या खूब खेल तमाशा है
जिसके हर किरदार का किरदार निराला है
धोखा देने वाला सबसे ईमानदारी की उम्मीद करता है
एक दुखी मन भी दूसरे के दुख को कुछ समझता नहीं है
अपने लिए सुख की कामना करने वाले दूसरे के सुख में दुखी होते हैं
अपने माता पिता को न पूछने वाले अपने बच्चों से अपने लिए इज़्ज़त की उम्मीद करते हैं
केवल धन के पीछे भागने वाले अपनों को खो कर उनसे वक्त माँगा करते हैं
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वन्दना सूद