लहजा भले ही बदल,
तेरी तस्वीर यहीं हैं।
कोई बात करें या ना करें,
तेरी हकीकत यहीं है।।
उससे कितना दूर हैं,
इसका जवाब हमारे पास नहीं।।
दर्द, दगा और दुनिया,
सब मतलब से मिले हैं,
अगर हम इन्हें चाहते तो,
ये लोग मुस्कुराने की साजिश करते। ।
- ललित दाधीच। ।