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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

किससे पूछूं - पता तुम्हारा

किससे पूछूँ - प्रिय मैं तुम्हारा पता

किससे पूछूँ, प्रिय मैं तुम्हारा पता,
रात-दिन ढूँढ़ती हूँ तुम्हें हर जगह।

मेरा दिल ही तो था घर आपका,
मुद्दतों से तुम अब इसमें रहते नहीं।
चाँद तुम बन गये हो — ये कहते नहीं,
चाँद को जब मैं देखूँ तो कहते हैं लोग,
“चाँद पर अब तुम्हारा हक ही नहीं।”
जो तुम्हारा था, वो खो गया है कहीं।

किससे पूछूँ, प्रिय मैं तुम्हारा पता।

तुम हवाओं में हो, तुम फ़िज़ाओं में हो,
मेरी साँसों में हर पल महकते हो तुम,
मेरी यादों में हर पल रहते हो तुम।
मेरा दिल ही तो है, प्रिय, घर आपका।

किससे पूछूँ, प्रिय मैं तुम्हारा पता...

-सरिता पाठक




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

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आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! सरिता जी! क्या ग़ज़ब लिखती हैं आप! लगता है, जैसे आपके रचना में जज़्बात का तूफ़ान हो, जो पढ़ने वाले को उड़ा कर कहीं दूर, बहुत दूर ले जाता है! लाजवाब रचना! बे-मिसाल कलाम! आदाब, सरिता जी! 👌👌👏👏❤️🙏

सरिता पाठक replied

बहुत बहुत शुक्रिया परवेज भाई जी, आदाब, दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें 🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

अद्भुत प्राकृतिक संबाद के साथ बेमिसाल रचना🙏 🙏

सरिता पाठक replied

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सर जी, सादर नमस्कार 🙏दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

Kantilal Babulal Sopariwala said

ati sundr dipawali ki shubh kamna

सरिता पाठक replied

धन्यवाद सर जी सादर नमस्कार, 🙏🙏दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

शिवचरण दास said

ये हवा ये फ़िजा ये सांस और एक दिल है बेचारा
बहती सरिता खुद पाठक खोजें प्रिय का किनारा. .

सरिता पाठक replied

धन्यवाद दास भईया जी, सादर नमस्कार 🙏🙏दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें आपको सर जी

Lekhram Yadav said

जब नहीं मिला हमको पता उनका
हर जगह पर ढूंढ़ा पता उनका कहीं, से भी कोई, जवाब न आया
रह-रहके आता रहा खयाल उनका
बहुत खूब, बहुत सुंदर रचना, आपको सादर नमस्कार।

सरिता पाठक replied

धन्यवाद लेखराम भाई जी, सादर नमस्कार 🙏दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह! सरिता बहन, बहुत ही सुन्दर रचना। प्रेम और समर्पण की अनमोल भावनाओं को आपने खूबसूरत शब्दों से सजाया है। सादर नमस्कार 🙏🙏

सरिता पाठक replied

धन्यवाद भईया जी, दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें, आदरणीय मनोज भईया जी को नमस्कार 🙏🙏

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