हास्य -व्यंग्य
ये नया जमाना
डॉ.एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
अब तो मंदिरों में मूर्तियों की चोरी करने लगे,
फिर नई मूर्तियां बनवाने को दलाली करने लगे।
बोले, "पुरानी तो अब आउट ऑफ़ डेट हो गई हैं,
भक्तों को भी तो अब नई 'डिज़ाइनर' मूर्ति चाहिए।"
एक कमेटी बिठाई, चर्चा हुई चार-पाँच घंटे,
फिर तय हुआ कि सोना, चांदी, हीरा जड़े,
ताकि भक्तों की श्रद्धा भी थोड़ी और बढ़ जाए।
और नई मूर्ति का बजट, आसमान पर चढ़ जाए।
चंदा उगाही के लिए, गली-गली में घूमते हैं,
भक्तों के पर्स से, सीधा जेब में झूमते हैं।
हिसाब-किताब का रजिस्टर, कहीं मिलता नहीं,
क्योंकि डिजिटल युग है, अब कागज़ चलता नहीं।
क्यूआर कोड से सीधा, गुरुजी के खाते में जाता है,
और भक्तों को लगता है, पुण्य कमाया जाता है।
चोरी हुई मूर्तियों का तो कोई पता नहीं चलता,
मगर नई मूर्तियां बनाने का धंधा खूब फलता।
बोले, "ये तो सेवा है, व्यापार थोड़ी है,"
और इस सेवा में कमाई, बेहिसाब होती है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




