मुहब्बत करता था कोई,
मुहब्बत की बात करता था कोई,
मुहब्बत के ज़ख्म को छोड़ दिया है उसने,
उन ज़ख्मों पर अक्सर नमक छिड़क था कोई,
फिर क्या उन्हें नहीं खबर है,
उनकी खबर भी पढ़ता था कोई,
वो ऐसे ही हैं,
उन्हें देखकर अपनी ज़िन्दगी में रहता था कोई,
उन्हें अनजान लगे मगर,
उन्हें पहचानता था कोई। ।
- ललित दाधीच

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




