ख्वाब में जीने का सुकून थोडा तो लीजिए।
सच्ची जिंदगी में कोई ख्वाब को मत ढूँढिए।।
लोग कहते ख्वाब तो अंधा आदमी देखता।
आँखे खोलकर अपनी दूसरे की भी खोलिए।।
ब्रह्ममुहूर्त में देखा है ख्वाब सच्चाई के करीब।
ख्वाब छिपाएं 'उपदेश' बखान मत कीजिए।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद