🌅ओ सांवरिया🌅
मन लागे ना तेरे बिना अब
प्यार में तेरे ओ सांवरिया
सुध बुध खोयी हुई बावरिया
मेरे मोहन मेरे सांवरिया
जब से देखी तेरी मोहिनी मुरतिया
दिन भूली और कहा है रतिया
पल-पल तुझको ही निहारूं
तेरी सूरत अखियों में बसाकर
हर आहट में तुझको ही पहिचानु
तू है आया यह समझकर
दुलारे मन की थाल सजाऊं
मन ही मन तुझसे बतियाऊं
कभी मुसकाऊ कभी रिसियाऊं
मेरा मन नहीं रहा मेरे वश में
गुम हो गया एक ही पल में
पहली नजर का हुआ असर है
हो गयी तेरी ओ सांवरिया
अब तो आकर गले लगा लो
पगले से मेरे मन को समझा दो
मैं तो हो गयी सम्पूर्ण तुम्हारी
तुम हो मेरे यह तो बता दो
आ भी जाओ अब सांवरिया
सुध बुध खोयी हुई बाबरियां
मौलिक रचना
✍️ #अर्पिता पांडेय