तुम बारिश में भिगो तो सही
मैं तुम्हें छतरी ओढ़ाऊंगा
तुम चलते चलते गिर जाओ तो सही
मैं तुम्हें बाहों में उठाऊंगा
तुम मुझ से रूठो तो सही
मैं तुम्हें प्यार से मनाऊंगा
तुम पास में आओ तो सही
मैं तुम्हें गले से लगाऊंगा
तुम मेरी प्रेमिका बनो तो सही
मैं तुम्हारा प्रेमी बन जाऊंगा
तुम आसमां से तारे
लाने को कहो तो सही
मैं तुम्हारे लिए
वह भी ले कर आऊंगा
तुम मुझ से शादी करो तो सही
मैं तुम्हें दुल्हन बना कर घर ले जाऊंगा
तुम पतीले में आटा गुदो तो सही
मैं तुम्हारे लिए रोटी बनाऊंगा
तुम मुस्कुरा कर खाओ तो सही
मैं तुम्हें चौरासी व्यंजन खिलाऊंगा
तुम घर पर झाड़ू लगाओ तो सही
मैं घर पर पोछा लगाऊंगा
तुम अपने कपड़े भिगाओ तो सही
मैं तुम्हारे कपड़े धो कर सुखाऊंगा
तुम बाथरूम में नहाने जाओ तो सही
मैं तुम्हें साबुन मल मलके नहलाऊंगा
तुम कटोरी में तेल ले कर आओ तो सही
मैं तुम्हारे पैर और घुटनें दबाऊंगा
तुम बच्चों की मां बनो तो सही
मैं बच्चों का बाप बन जाऊंगा
तुम मुझ से थोड़ा सा प्यार करो तो सही
मैं तुम को सब से ज्यादा प्यार करके दिखाऊंगा
मैं तुम को सब से ज्यादा प्यार करके दिखाऊंगा.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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