जीवन में रंग भरे सबको प्यार देके चले
सामने जोभी मिलें मुस्कराकर चले
लोग बहोत परेशां हे कुछ तो मिशाल बने
जिंदगी कर्ज हे ये कर्ज उतारकर चले
कब अंधेरा होगा हमें-तुम्हे मालूम नहीं
बहेत्तर यही हे चले तो इंसानियत से चले
हम पर गुजरी तो हमें बात समज में आई
क्यों ना आपको भी रास्ता दिखाकर चले
तुम सब मीलकर चलो आगे हम मिलेंगे तुम्हे
जहां तकलीफ आये हमको याद करते चले
के बी सोपारीवाला