कविता : घुसा....
घुसा सभी संबंध को
बुरी तरह तोड़ता है
ये तो आदमी को बर्बाद
कर कर ही छोड़ता है
मेरे सभी बहनों भाइयों
थोड़ा सा देखिए
कभी घुसा आए तो घुसे को
कंट्रोल में राखिए
कभी घुसा आए तो घुसे को
कंट्रोल में राखिए.......
netra prasad gautam