ये जंगल क्यों का टे जा रहे
वन्य जीव करें पुकार
हैदराबाद के जंगल
कई एकड़ में काटे जा रहे
समस्त वन्यजीव इधर-उधर
भटक रहे रहे रो रहे
वसुधा से करें पुकार
हेमाँ मुझे बचा ले आंचल में छुपा ले
आपकी हरियाली हमें बहुत शोभती
आपकी धानी चुनरिया हमें आसान देती
आपके आपके पेड़ पौधे हमें भोजन देते
बक्सवाहा के घने जंगल काटे जा रहे हैं
हर जगह जंगल काट काट कर
कॉलोनी या बनाई जा रही हैं
वन्य जीव बेचारे बेसहारा होकर
खाने पीने को तरस रहे हैं
नहीं होने रहने का स्थान है
मनुष्य अपनी इच्छाओं को बढ़ाता जा रहा है
वन्य जीव ना तो पानी में रह पा रहे
पृथ्वी पर रह पा रहे
उनके अंदर रहने बाली
हर चीजनिकाली जा रही है
मानव के अंदर इन्सानियत नहीं बची
वो तो सारी पृथ्वी लील रहा है
वन्य जीव करें अब त्राहिमाम त्राहिमाम
----श्रीमती मालती जैन
बड़ा मलहरा, जिला छतरपुर
मध्य प्रदेश, पिन कोड 471 311
(स्वरचित कविता)