कविता : कुत्तों की मां....
आज हर औरत कहती अपने
मर्द से प्यार नहीं करती
प्यार नहीं करती तो वो हर
बखत पेट से क्यों रहती ?
औरत अपने मर्द को
गाली भी दिए जा रही
फिर बच्चे पैदा बगैर प्यार
के कैसे किए जा रही ?
फिर कहती मेरी जिंदगी
में बर्बादी हो गई
आदमी से नहीं मेरी तो
कुत्ते से शादी हो गई
अगर ये है तो वो भी कुती
हुई औरत कहां हो गई
उसके बच्चे तो कुत्ते के बच्चे वो
भी तो कुत्तों की मां हो गई
उसके बच्चे तो कुत्ते के बच्चे वो
भी तो कुत्तों की मां हो गई.......
netra prasad gautam