कविता : कब्र....
एक दिन देह
त्याग कर गया तो
इस दुनिया से
से ही मर गया तो
पराए लोग मुझ को
कंधा देने में व्यस्त हैं
मैंने ढूंढा अपने लोग कहां हैं ?
वो तो मेरी कब्र खोदने में मस्त हैं
मैंने ढूंढा अपने लोग कहां हैं ?
वो तो मेरी कब्र खोदने में मस्त हैं.......
netra prasad gautam