मृत्यु क्या है? बस एक राह,
जिसे चलना है सबको एक दिन पूरे विश्वास के साथ।
क्यों डरते हैं लोग इस सच्चाई से?
जब जीवन मिला है, तो एक विदाई भी तय है उसी ईश्वर की बनाई रीत से।
जब कर्म पूरे हो जाते हैं,
तो आत्मा खुद सफ़र पे निकल जाती है, चुपचाप, मुस्कुराते हुए।
जो आया है, वो जाएगा,
ये नियम सृष्टि का कोई न मिटा पाएगा।
मौत का सच कोई बदल नहीं सकता,
मगर जीवन को अर्थपूर्ण बना कर, उसे मात ज़रूर दी जा सकती है।
अच्छा जीवन जियो, प्रेम बाँटो,
हर दर्द को सहेज कर, मुस्कुराहटें बाटो।
कुछ ऐसा करो कि मरने के बाद भी लोग याद रखें,
तुम्हारे कामों में तुम्हारी रूह की झलक देख सकें।
नाम नहीं, काम अमर होते हैं,
सच्चे दिल से किए कर्म, भगवान के दरबार में दर्ज़ होते हैं।
मृत्यु अंत नहीं, एक नई शुरुआत है,
जहाँ आत्मा फिर किसी और रूप में, किसी और राह पर साथ है।
कुछ कर जाओ कलाम की तरह, जो कलम से अमर हो गए,
या रामायण-गीता की तरह, जो युगों तक ज़िन्दा रह गए।
छोटे हों या बड़े काम, बस सच्चाई से निभाओ,
ताकि जाने के बाद भी, हर दिल में बस जाओ।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




