(कविता ) (बेटी)
जन्म हमने लिया मां के काेख से लिया है
अच्छी शिक्षा अच्छी गुण उन्हाें ने ही दिया है
सब कुछ उनके चरणाें में पाएं
मां से बड़ा काेई नहीं कहीं भी जाएं
पर हम हैं कैसे हमकाे बेटी नहीं चाहिए
बेटी ही न हाे ताे मां कैसे हाेगी जरा बताइए?
जीवन सुन्दर बनाना हाे
अपने घर काे बसाना हाे
किसी काे बना कर दुल्हन घर ले अाईए
हमकाे एक अादर्स बिबी चाहिए
पर हम हैं कैसे हमकाे बेटी नहीं चाहिए
बेटी ही न हाे ताे अादर्स बिबी कैसे हाेगी जरा बताइए?
बहन से ही बांधते राखी हम हाथ में
बड़ा अच्छा लगता जब हाे वह साथ में
कितना है पवित्र ये रिस्ता जरा दिमाग लगाईए
एक प्यारी बहन हमकाे चाहिए
पर हम हैं कैसे हमकाे बेटी नहीं चाहिए
बेटी ही न हाे ताे बहन कैसे हाेगी जरा बताईए?
हम कहीं भी हाें हमारे अास-पास खुबसुरत अाैरत हाे
हम से मीठी-मीठी बात करती ममता की मूरत हाे
सबके साथ ऐसा ही हाे सभी आश लगाईए
हमकाे एक स्त्री मित्र ..भी जरुर चाहिए
पर हम हैं कैसे हमकाे बेटी नहीं चाहिए
बेटी ही नहाे ताे स्त्री मित्र कैसे हाेगी जरा बताईए?
ये कैसी कु-बिचार में अड़े हैं
हम सभी किस चक्कर में पड़े हैं
बेटीअाें काे बिलकुल नहीं सहेंगे ताे
उनकाे यदि घृणा करते रहेंगे ताे
एक दिन ऐसा पड़ाव अाएगा
उनका अस्तित्व ही मिट जाएगा
उनके बगैर कहाँ रह पाएंगे
याराें हम सब के सब मर जाएंगे
बेटी ताे ये धरती की जननी है
उसी से ताे सुन्दर संसार बनी है
मां भाभी बिबी बहन बेटी से ही है बनती
उसे सभी बचाएं सब से है यही बिन्ती
अच्छा विचार अच्छी साेंच ले कर सभी अाईए
हमकाे अपने घर में प्यारी बेटी चाहिए
हमकाे अपने घर में प्यारी बेटी चाहिए..........