कविता : बगैर कपड़े....
आदमी अपनी सकल
अच्छी दिखाने के लिए
क्या नहीं करता अपने को
अच्छा बनाने के लिए
रंगी चंगी कपड़े पहनता
पुराने कपड़े फेक देता
मगर आदमी बगैर कपड़े के
सब से आनंद लेता
मगर आदमी बगैर कपड़े के
सब से आनंद लेता.......

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




