कानून के रक्षक,
बन जाये भक्षक।
न्याय का तराजू,
झूठ का ढेर।
वर्दी पहने शैतान,
नजर आते हैं।
सच्चाई की राह,
अंधेरे में डूबती है।
कानून के नाम पर,
होता है खेल।
बेगुनाहों को सजा,
गुनाहगारों को छूट।
गरीबों की आवाज,
दब जाती है।
अमीरों की बात,
मान ली जाती है।