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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

क्योंकि उस नारी को

ना देख ऐ नादान इंसा
तू उसे बुरी निगाहों से,
उसका क्रोध ज्वाला बन जायेगा
तू एक क्षण में जल जायेगा,
क्योंकि.......
क्योंकि उस नारी को
नफ़रत है बुरी निगाहों वालों से।

ना छीन ऐ नादान इंसा
तू उससे उसकी आज़ादी,
एक क्षण में राख हो जायेगा
तू मिट्टी में मिल जायेगा,
क्योंकि........
क्योंकि उस नारी को
बड़ी प्यारी है उसकी आज़ादी।

ना ज़ुल्म कर ऐ नादान इंसा
तू उस मतवाली पर,
रण चंडी बन जायेगी
शूल घोंप देगी तेरी छाती में
जो वो महाकाली बन जायेगी,
क्योंकि.......
क्योंकि उस नारी को
ज़ुल्म सहना पसंद नहीं।

ना डाल उस शेरनी की इज़्ज़त पर तू हाथ कयामत वो ले आयेगी,
बन गई अगर वो भद्रकाली
तीनों लोक तुझे भगाएगी,
क्योंकि.........
क्योंकि उस नारी को
अपनी इज़्ज़त है बड़ी ही प्यारी।

ना उंगली उठा ऐ नादान इंसा
तू उसके चरित्र पर,
दुर्गा बनेगी , रण चंडी बनेगी
अस्तित्व मिटा देगी तेरा वो
अगर बन जायेगी खप्परवाली,
क्योंकि........
क्योंकि उस नारी को
नफ़रत है अपने चरित्र पर
उंगली उठाने वालों से।

"रीना कुमारी प्रजापत"












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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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Muskan Kaushik said

नारी के अस्तित्व का बहुत सुंदर वर्णन😍🙏🙏✍

रीना कुमारी प्रजापत replied

Apko ye kavita pasand aati bahut bahut abhar apka muskaan ji

Suman Yadav said

Nari Durga hai Chamunda hai khadakdhari hai yadi uske astitva se chhedoge to yah sare ke sare roop dekhne ko milenge

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji dhanyawad

Vineet Garg said

नारी के बारे में इतना सुंदर एक नारी ही लिख सकती है नमन है आपको रीना जी 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका गर्ग साहब!

कमलकांत घिरी said

आपके नाम को यदि उलट दिया जाए तो वो नारी ही बनती है, और आपने एक नारी क्या क्या कर सकती है इसका वर्णन बहुत ही अच्छे ढंग से किया है, बहुत ख़ूब।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका

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