कापीराइट गजल
डरा रही है दिल की धड़कन कल रात से मुझे
अब कर रही है ये परेशान कल रात से मुझे
मैं पीड़ित हूं हार्ट और मधुमेह के रोग से
अब बढ़ गई है ये बीमारी कल रात से मुझे
यह प्रोस्टेट और ये बीपी बढ़ा रहे हैं तनाव
अब बढ़ रहा है ये तनाव कल रात से मुझे
ये दवा, टेस्ट और इलाज पड़ रहे हैं भारी
अब लगने लगा है डर खर्च की बात से मुझे
अब देती नहीं है किडनी साथ ये हमारा
दे रही है इंसुलिन की अब सौगात ये मुझे
चलता नहीं है जोर अब मधुमेह पर मेरा
मिलती नहीं है राहत किसी बात से मुझे
अब होते हैं जानलेवा सभी रोग यहां पर
अब निकालेगा कौन इस हालात से मुझे
कब अलविदा कह दें ये हम बता नहीं सकते
आ रहे हैं आजकल नजर हालात ये मुझे
इन रोगों के भंवर में अब क्या करे यादव
अब आ रहे हैं कैसे-कैसे खयालात ये मुझे
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है