बिछड़ने का मेरे हिस्से में गम आया।
उधेड़बुन के चलते कुछ वहम आया।।
हकीकत की दुनिया में ख्वाहिशे बदली।
उस वज़ह से सीधी राह का भ्रम आया।।
फरिश्ते आये जिन्दगी में एक नही कई।
हरेक इंसान प्रकाश लेकर अहम आया।।
पार कर लेंगे हर मुश्किल आसानी से।
गैर आए दिल में खुदा को रहम आया।।
उसको निकालूँ कैसे जेहन के पिंजरे से।
कैद पसन्द 'उपदेश' को और दम आया।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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