ज़िंदगी में दर्द दिए हैं मुझे सभी ने अब डर लगता है,
कहीं तुम भी मुझे दर्द तो ना दोगे।
कहीं तुम मुझे छोड़ तो ना दोगे.........✍
कितने ही दोस्त आये मेरी ज़िंदगी में और कितने ही गये,
अब किसी के दूर जाने का दुःख बर्दाश्त नहीं होगा, अब डर लगता है,
कहीं तुम भी तो नहीं चले जाओगे।
कहीं तुम मुझे छोड़ तो ना दोगे........✍
जब मैं अकेली थी तब साथ निभाया उसने मेरा, पर फिर छोड़ गया वो,
अब डर लगता है,
कहीं तुम भी तो ना छोड़ दोगे।
कहीं तुम मुझे छोड़ तो ना दोगे.........✍
किया था मैंने किसी पर विश्वास
पर उसने किया मेरे साथ विश्वासघात, अब डर लगता है,
कहीं तुम भी तो मेरा विश्वास ना तोड़ दोगे।
कहीं तुम मुझे छोड़ तो ना दोगे.........✍
वो हर वक्त याद रहते हैं मुझे पर वो भूल गए हैं मुझे, अब डर लगता है,
कहीं तुम भी मुझे भूल तो ना जाओगे।
कहीं तुम मुझे छोड़ तो ना दोगे.........✍
- रीना कुमारी प्रजापत