मैं कुछ और सोच रहा हूं
मुझे तुम्हारा ज्ञान ना दो।
मैं ख्याल अपने नोंच रहा हूं
मुझे बेवजह इत्मीनान ना दो।
मेरे पास है बहुत से नए
व्यापार के तरीके।
मेरी सोच से समझ से
लग सकते है बेसलीके।
तुम रुको कुछ देर तुम्हें
मैं कुछ नया ही बताऊंगा।
एक राह बंद हुई तो क्या
रास्ता दूसरा बनाऊंगा।
अभी बहुत सी ऐसी चीज़े
जो दुनिया के लिए नई है।
मैं इज़ाद कुछ तो करूंगा
कि हार माननी नहीं है।
_____मनीषा सिंह